हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,फातमीया स्कूल ऑफ़ इस्लामी स्टडीज, अशकजेर में छात्रों के लिए एक तालीमी बैठक हुई।जिममें रहिमी जो धार्मिक जानकार और सांस्कृतिक एक्टिविस्ट हैं तालीम के मतलब और मकसद पर बात की।
तालीम का मतलब है इंसान की अंदर की भौतिक और आध्यात्मिक क्षमताओं को बढ़ावा देना, ताकि वह अपनी पूरी काबिलियत तक पहुंच सके।
तालीम का सही तरीका और उसका मकसद समझना बहुत जरूरी है, खासकर किशोर उम्र में।
इस्लाम में इंसान का आखिरी मकसद खुदा की तरफ लौटना होता है (जैसे कि कुरान की एक आयत में कहा गया है: "हम सब अल्लाह के लिए हैं और हम सब उसी की तरफ लौटेंगे।
पश्चिमी सोच में इंसान खुद ही अपनी कद्र और मूल्य का आधार होता है, जबकि इस्लाम में खुदा ही असली मापदंड है।
तालीम देते वक्त हमें कुरान की उस आयत को ध्यान में रखना चाहिए जिसमें कहा गया है कि हमें हिकमत यानी बुद्धिमानी और समझदारी से खुदा की राह पर बुलाना चाहिए।
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